Life Poetry
उस को जुदा हुए भी ज़माना बहुत हुआ…
उस को जुदा हुए भी ज़माना बहुत हुआअब क्या कहें ये क़िस्सा पुराना बहुत हुआ, …
धूप में निकलो घटाओं में नहा कर देखो…
धूप में निकलो घटाओं में नहा कर देखोज़िंदगी क्या है किताबों को हटा कर देखो, …
ख़िर्द-मंदों से क्या पूछूँ कि मेरी इब्तिदा क्या है…
ख़िर्द-मंदों से क्या पूछूँ कि मेरी इब्तिदा क्या हैकि मैं इस फ़िक्र में रहता हूँ …
सितारों से आगे जहाँ और भी हैं…
सितारों से आगे जहाँ और भी हैंअभी इश्क़ के इम्तिहाँ और भी हैं, तही ज़िंदगी …
लिखना नहीं आता तो मेरी जान पढ़ा कर…
लिखना नहीं आता तो मेरी जान पढ़ा करहो जाएगी तेरी मुश्किल आसान पढ़ा कर, पढ़ने …