गूँगे लफ़्ज़ों का ये बेसम्त सफ़र मेरा है
गूँगे लफ़्ज़ों का ये बेसम्त सफ़र मेरा है गुफ़्तुगू उसकी है लहजे में असर मेरा …
गूँगे लफ़्ज़ों का ये बेसम्त सफ़र मेरा है गुफ़्तुगू उसकी है लहजे में असर मेरा …
भीड़ में कोई शनासा भी नहीं छोड़ती है ज़िंदगी मुझको अकेला भी नहीं छोड़ती है, …
ऐ यक़ीनों के ख़ुदा शहर ए गुमाँ किस का है नूर तेरा है चराग़ों में …
हाए लोगों की करम फ़रमाइयाँ तोहमतें बदनामियाँ रुस्वाइयाँ, ज़िंदगी शायद इसी का नाम है दूरियाँ, …
फूल,खुशबू, कली की बात करें प्यार की, आशिकी की बात करें मौत का खौफ़ भूल …
क्या ज़माना था कि हम रोज़ मिला करते थे रात भर चाँद के हमराह फिरा …
जब से तेरी हर बात में रहने लगे दुश्मन मेरे औक़ात में रहने लगे, ये …
कर्ब ए फ़ुर्क़त रूह से जाता नहीं हल कोई ग़म का नज़र आता नहीं, काश …