फ़ासले ऐसे भी होंगे ये कभी सोचा न था
फ़ासले ऐसे भी होंगे ये कभी सोचा न था सामने बैठा था मेरे और वो …
फ़ासले ऐसे भी होंगे ये कभी सोचा न था सामने बैठा था मेरे और वो …
जीना मुश्किल है कि आसान ज़रा देख तो लो लोग लगते हैं परेशान ज़रा देख …
ज़ब्त ए ग़म पर ज़वाल क्यों आया शिद्दतों में उबाल क्यों आया ? गुल से …
वो दिल नवाज़ है लेकिन नज़र शनास नहीं मेरा इलाज मेरे चारागर के पास नहीं, …
वो इस अदा से जो आए तो क्यूँ भला न लगे हज़ार बार मिलो फिर …
मुसाफ़िर भी सफ़र में इम्तिहाँ देने से डरते हैं मोहब्बत क्या करेंगे वो जो जाँ …
वो शख़्स कि मैं जिस से मोहब्बत नहीं करता हँसता है मुझे देख के नफ़रत …
वो दिल ही क्या तेरे मिलने की जो दुआ न करे मैं तुझ को भूल …
उसे मना कर ग़ुरूर उस का बढ़ा न देना वो सामने आए भी तो उस …
अब भला छोड़ के घर क्या करते शाम के वक़्त सफ़र क्या करते, तेरी मसरूफ़ियतें …