होती है तेरे नाम से वहशत कभी कभी
होती है तेरे नाम से वहशत कभी कभी बरहम हुई है यूँ भी तबीअत कभी कभी, ऐ दिल …
होती है तेरे नाम से वहशत कभी कभी बरहम हुई है यूँ भी तबीअत कभी कभी, ऐ दिल …
वो दिलनवाज़ है लेकिन नज़रशनास नहीं मेरा इलाज मेरे चारागर के पास नहीं, तड़प रहे हैं ज़बाँ पर …
कुछ यादगार ए शहर ए सितमगर ही ले चलें आए हैं उस की गली में तो पत्थर ही …
झूठ का बोलना आसान नहीं होता है दिल तेरे बाद परेशान नहीं होता है, सब तेरे बाद यही …
उस ने यूँ रास्ता दिया मुझको रास्ते से हटा दिया मुझको दूर करने के वास्ते ख़ुद से ख़ुद …
उम्र भर सीने में एक दर्द दबाए रखा एक बेनाम से रिश्ते को निभाए रखा, था मुझे वहम …
दूसरा फ़ैसला नहीं होता इश्क़ में मशवरा नहीं होता, ख़ुद ही सौ रास्ते निकलते हैं जब कोई रास्ता …
वो बेवफ़ा है उसे बेवफ़ा कहूँ कैसे बुरा ज़रूर है लेकिन बुरा कहूँ कैसे ? जो कश्तियों को …
नई पोशाक पहने है पुराने ख़्वाब की हसरत मैं हँस कर टाल देती हूँ दिल ए बेताब की …
वो काश मान लेता कभी हमसफ़र मुझे तो रास्तो के पेच का होता न डर मुझे, बेशक ये …