तेरा लहजा तेरी पहचान मुबारक हो तुझे
तेरा लहजा तेरी पहचान मुबारक हो तुझे तेरी वहशत तेरा हैजान मुबारक हो तुझे, मैं …
तेरा लहजा तेरी पहचान मुबारक हो तुझे तेरी वहशत तेरा हैजान मुबारक हो तुझे, मैं …
मुझे आरज़ू जिसकी है उसको ही ख़बर नहीं नज़रअंदाज़ कर दूँ ऐसी मेरी कोई नज़र …
इस शहर में कहीं पे हमारा मकाँ भी हो बाज़ार है तो हम पे कभी …
बसा तो लेते नया दिल में हम मकीं लेकिन मिला न आप से बढ़ कर …
मुख़्तसर बात, बात काफी है एक तेरा साथ, साथ काफी है, वो जो गुज़र जाए …
तअल्लुक़ तर्क करने से मोहब्बत कम नहीं होती भड़कती है ये आतिश दिन ब दिन …
हक़ीक़तों में बदलता सराब चुभने लगा जो बन सका न हक़ीक़त वो ख़्वाब चुभने लगा, …
होंठों पे उसके जुम्बिश ए इंकार भी नहीं आँखों में कोई शोख़ी ए इक़रार भी …
ग़ैरत ए इश्क़ सलामत थी अना ज़िंदा थी वो भी दिन थे कि रह ओ …
मौसम बदल गए ज़माने बदल गए लम्हों में दोस्त बरसों पुराने बदल गए, दिन भर …