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Dua Poetry

हमें ये खौफ़ था एक दिन यहीं से टूटेंगे

hamen ye khauf tha ek din yahi se

हमें ये खौफ़ था एक दिन यहीं से टूटेंगे हमारे ख्वाब तुम्हारी तहीं से टूटेंगे, बददुआ तो नहीं …

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इस नये साल पे ये सदा है ख़ुदा से

is naye saal pe ye sada hai

इस नये साल पे ये सदा है ख़ुदा से सलामत रहे वतन हर एक बला से, न पलकों …

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कोई ज़ब्त दे न जलाल दे…

koi zabt de na jalal de

कोई ज़ब्त दे न जलाल दे मुझे सिर्फ़ इतना कमाल दे, मुझे अपनी राह पे डाल दे कि …

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मेरे ख़ुदा मुझे वो ताब ए नय नवाई दे

mere khuda mujhe taab e nay e nawai de

मेरे ख़ुदा मुझे वो ताब ए नय नवाई दे मैं चुप रहूँ भी तो नग़्मा मेरा सुनाई दे, …

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किस सिम्त चल पड़ी है खुदाई ऐ मेरे ख़ुदा

kis simt chal padi hai khudaai ae mere khuda

किस सिम्त चल पड़ी है खुदाई ऐ मेरे ख़ुदा नफ़रत ही दे रही है दिखाई ऐ मेरे ख़ुदा, …

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तारीफ़ उस ख़ुदा की जिसने जहाँ बनाया

tarif us khuda ki jisne jahan banaya

तारीफ़ उस ख़ुदा की जिसने जहाँ बनाया कैसी हसीं ज़मीं बनाई क्या आसमां बनाया, मिट्टी से बेल बूटे …

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यहाँ मरने की दुआएँ क्यूँ मांगूँ ?

ye duniyan ho ya ki wo duniyan

यहाँ मरने की दुआएँ क्यूँ मांगूँ ? यहाँ जीने की तमन्ना कौन करे ? ये दुनियाँ हो या …

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ये कब चाहा कि मैं मशहूर हो जाऊँ…

ye kab chaha ki main mashahoor ho jaaoon

ये कब चाहा कि मैं मशहूर हो जाऊँ बस अपने आप को मंज़ूर हो जाऊँ, नसीहत कर रही …

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जो नेकी कर के फिर दरिया में…

jo neqi kar ke fir dariya me usko daal jata hai

जो नेकी कर के फिर दरिया में उसको डाल जाता है वो जब भी दुनिया से जाता है …

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लेता हूँ उस का नाम भी आह ओ बुका…

लेता हूँ उस का

लेता हूँ उस का नाम भी आह ओ बुका के साथ कितना हसीन रिश्ता है मेरा ख़ुदा के …

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तुझे पुकारा है बे

तुझे पुकारा है बे इरादा

फिर हरीफ़ ए बहार

फिर हरीफ़ ए बहार हो बैठे

हर सम्त परेशाँ तिरी

हर सम्त परेशाँ तिरी आमद के क़रीने

सोच बदल जाती है

सोच बदल जाती है,हालात बदल जाते हैं

उजड़े हुए हड़प्पा के

उजड़े हुए हड़प्पा के आसार की तरह

निगाह ए यार के

निगाह ए यार के बदलने में कुछ देर नहीं लगती

कोई सुनता ही नहीं

कोई सुनता ही नहीं किस को सुनाने लग जाएँ

जानता हूँ कि तुझे

जानता हूँ कि तुझे साथ तो रखते है कई

मेरे उसके दरमियाँ ये

मेरे उसके दरमियाँ ये राब्ता है और बस

चल निकलती हैं ग़म

चल निकलती हैं ग़म ए यार से बातें क्या क्या

ऐसा है कि सब ख़्वाब

ऐसा है कि सब ख़्वाब मुसलसल नहीं होते

अब तक यही सुना

अब तक यही सुना था कि बाज़ार बिक गए

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तुझे पुकारा है बे

तुझे पुकारा है बे इरादा

फिर हरीफ़ ए बहार

फिर हरीफ़ ए बहार हो बैठे

हर सम्त परेशाँ तिरी

हर सम्त परेशाँ तिरी आमद के क़रीने