हमें ये खौफ़ था एक दिन यहीं से टूटेंगे

हमें ये खौफ़ था एक दिन यहीं से टूटेंगे
हमारे ख्वाब तुम्हारी तहीं से टूटेंगे,

बददुआ तो नहीं है, मगर लिख लो तुम
हमें जो तोड़ रहे हैं आज, वो भी टूटेंगे,

तुम्हारे जैसे सितारे फ़लक से टूटते हैं
हमारी पहुँच ज़मीं तक, ज़मीं से टूटेंगे,

जो दे रहे है मुहब्बत में मशवरे मुझको
ये सब ज़हीन किसी माह जबीं से टूटेंगे,

जहाँ से मैंने लगाई है गाँठ रिश्तों में
मुझे ये वहम है रिश्ते वहीँ से टूटेंगे..!!

Leave a Reply