भला ग़मों से कहाँ हार जाने वाले थे
भला ग़मों से कहाँ हार जाने वाले थे हम आँसुओं की तरह मुस्कुराने वाले थे, …
भला ग़मों से कहाँ हार जाने वाले थे हम आँसुओं की तरह मुस्कुराने वाले थे, …
उदास एक मुझी को तो कर नही जाता वह मुझसे रुठ के अपने भी घर …
अंधेरा ज़ेहन का सम्त ए सफ़र जब खोने लगता है किसी का ध्यान आता है …
तू समझता है कि रिश्तों की दुहाई देंगे हम तो वो हैं तेरे चेहरे से …
तहरीर से वर्ना मेरी क्या हो नहीं सकता एक तू है जो लफ़्ज़ों में अदा …