ख़ुदा से वक़्त ए दुआ हम सवाल कर बैठे
ख़ुदा से वक़्त ए दुआ हम सवाल कर बैठे वो बुत भी दिल को ज़रा …
ख़ुदा से वक़्त ए दुआ हम सवाल कर बैठे वो बुत भी दिल को ज़रा …
ख़ून से लिखता है तावीज़ ए अजल काग़ज़ पर वक़्त करता है अजब सिफली अमल …
मत बुरा उसको कहो गरचे वो अच्छा भी नहीं वो न होता तो ग़ज़ल मैं …
ज़ख्म ए वाहिद ने जिसे ता उम्र रुलाया हो हरगिज़ ना दुखाना दिल जो चोट …
ज़िन्दगानी के काम एक तरफ़ अक़द का इंतज़ाम एक तरफ़, हां मुहब्बत का नाम एक …
रिश्तों के जब तार उलझने लगते हैं आपस में घर बार उलझने लगते हैं, माज़ी …
चमन में जब भी सबा को गुलाब पूछते हैं तुम्हारी आँख का अहवाल ख़्वाब पूछते …
हरिस दिल ने ज़माना कसीर बेचा है किसी ने जिस्म किसी ने ज़मीर बेचा है, …
असर उसको ज़रा नहीं होता रंज राहत फिज़ा नहीं होता, बेवफा कहने की शिकायत है …