कौन आता है बुझाने प्यास प्यासा देख कर
कौन आता है बुझाने प्यास प्यासा देख कर घर चले जाते है सब के सब तमाशा देख कर, बात तेरी मान ली मैंने कभी टोका …
कौन आता है बुझाने प्यास प्यासा देख कर घर चले जाते है सब के सब तमाशा देख कर, बात तेरी मान ली मैंने कभी टोका …
वो इश्क़ जो हम से रूठ गया अब उस का हाल बताएँ क्या ? कोई मेहर नहीं कोई क़हर नहीं फिर सच्चा शेर सुनाएँ क्या …
एक हम दोनों को ये हालात नहीं कर सकते ख़ुद को वग्फ़ ए मुज़ाफ़ात नहीं कर सकते, तेरे शहर में न रहने का ही नतीज़ा …
लहू ने क्या तेरे ख़ंजर को दिलकशी दी है कि हम ने ज़ख़्म भी खाए हैं दाद भी दी है, लिबास छीन लिया है बरहनगी …
ये जो ज़िंदगी की किताब है ये किताब भी क्या किताब है, कहीं एक हसीन सा ख़्वाब है कहीं एक जान लेवा अज़ाब है, कहीं …
कहीं दिरहम कहीं डॉलर कहीं दीनार का झगड़ा कहीं दिरहम कहीं डॉलर कहीं दीनार का झगड़ा कहीं लहँगा कहीं चोली कहीं शलवार का झगड़ा, वतन …
नाम से गाँधी के चिढ़ और बैर आज़ादी से है नाम से गाँधी के चिढ़ और बैर आज़ादी से है नफ़रतों की खाद हैं उल्फ़त …
कभी ख़ामोश बैठोगे, कभी कुछ गुनगुनाओगे कभी ख़ामोश बैठोगे, कभी कुछ गुनगुनाओगे मैं उतना ही याद आऊँगा मुझे जितना भुलाओगे, कोई जब पूछ बैठेगा ख़ामोशी …
और क्या करता बयान ए गम तुम्हारे सामने मेरी आँखें हो गई पुरनम तुम्हारे सामने, हम जुदाई में तुम्हारी मर भी सकते हैं मगर चाहते …
तलाश ए जन्नत ओ दोज़ख में रायेगाँ इंसाँ तलाश ए जन्नत ओ दोज़ख में रायेगाँ इंसाँ ज़मीं पे रोज़ मनाता है कायनात का दुःख, तमाम …