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युसुफ़ न थे मगर सर ए बाज़ार आ गए

Yusuf na the magar

युसुफ़ न थे मगर सर ए बाज़ार आ गए ख़ुश फहमियाँ ये थी कि ख़रीदार आ गए, आवाज़ …

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एक सूरज था कि तारों के घराने से उठा

एक सूरज था कि

एक सूरज था कि तारों के घराने से उठा आँख हैरान है क्या शख़्स ज़माने से उठा, किस …

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जुस्तुजू खोए हुओं की उम्र भर करते रहे

जुस्तुजू खोए हुओं की

जुस्तुजू खोए हुओं की उम्र भर करते रहे चाँद के हमराह हर शब सफ़र करते रहे, रास्तों का …

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वो जो दिल में तेरा मुक़ाम है

वो जो दिल में तेरा मुक़ाम है

वो जो दिल में तेरा मुक़ाम है किसी और को वो देना नहीं, वो जो रिश्ता तुझ से …

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दिल की दुनिया में दुनिया न आये कभी

दिल की दुनिया में

दिल की दुनिया में दुनिया न आये कभी मेरे मौला ये दुनिया न भाये कभी, जिस को क़ुरआँ …

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लिबास तन से उतार देना, किसी को बांहों के हार देना

लिबास तन से उतार

लिबास तन से उतार देना, किसी को बांहों के हार देना फिर उसके जज़्बों को मार देना, अगर …

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मुक़म्मल दो ही दानों पर ये तस्बीह ए मुहब्बत है

मुक़म्मल दो ही दानों

मुक़म्मल दो ही दानों पर ये तस्बीह ए मुहब्बत है जो आये तीसरा दाना ये डोरी टूट जाती …

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तुझे पुकारा है बे इरादा

तुझे पुकारा है बे

तुझे पुकारा है बे इरादा जो दिल दुखा है बहुत ज़ियादा, नदीम हो तेरा हर्फ़ ए शीरीं तो …

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फिर हरीफ़ ए बहार हो बैठे

फिर हरीफ़ ए बहार

फिर हरीफ़ ए बहार हो बैठे जाने किस किस को आज रो बैठे, थी मगर इतनी राएगाँ भी …

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हर सम्त परेशाँ तिरी आमद के क़रीने

हर सम्त परेशाँ तिरी

हर सम्त परेशाँ तिरी आमद के क़रीने धोके दिए क्या क्या हमें बाद ए सहरी ने, हर मंजिल …

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Yusuf na the magar

युसुफ़ न थे मगर सर ए बाज़ार आ गए

एक सूरज था कि

एक सूरज था कि तारों के घराने से उठा

जुस्तुजू खोए हुओं की

जुस्तुजू खोए हुओं की उम्र भर करते रहे

वो जो दिल में तेरा मुक़ाम है

वो जो दिल में तेरा मुक़ाम है

दिल की दुनिया में

दिल की दुनिया में दुनिया न आये कभी

लिबास तन से उतार

लिबास तन से उतार देना, किसी को बांहों के हार देना

मुक़म्मल दो ही दानों

मुक़म्मल दो ही दानों पर ये तस्बीह ए मुहब्बत है

तुझे पुकारा है बे

तुझे पुकारा है बे इरादा

फिर हरीफ़ ए बहार

फिर हरीफ़ ए बहार हो बैठे

हर सम्त परेशाँ तिरी

हर सम्त परेशाँ तिरी आमद के क़रीने

सोच बदल जाती है

सोच बदल जाती है,हालात बदल जाते हैं

उजड़े हुए हड़प्पा के

उजड़े हुए हड़प्पा के आसार की तरह

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युसुफ़ न थे मगर सर ए बाज़ार आ गए

एक सूरज था कि

एक सूरज था कि तारों के घराने से उठा

जुस्तुजू खोए हुओं की

जुस्तुजू खोए हुओं की उम्र भर करते रहे