ये न समझो ये ख्याल है मेरा…
ये न समझो ये ख्याल है मेरा जो सुनाता हूँ वो हाल है मेरा, ऐसा …
ये न समझो ये ख्याल है मेरा जो सुनाता हूँ वो हाल है मेरा, ऐसा …
सूरमाओं को सर ए आम से डर लगता है अब इंक़लाब को अवाम से डर …
आहिस्ता चल ऐ ज़िन्दगी अभी कई क़र्ज़ चुकाना बाक़ी है, कुछ दर्द मिटाना बाक़ी है …
हर एक शख़्स परेशान ओ दर बदर सा लगे ये शहर मुझको तो यारो कोई …
अश्क जब हम बहाने लगते हैं कितने ही गम ठिकाने लगते हैं आईना ले के …