ये न समझो ये ख्याल है मेरा…

ये न समझो ये ख्याल है मेरा
जो सुनाता हूँ वो हाल है मेरा,

ऐसा गम हूँ मैं अपनी दुनिया में
ख़ुद से मिलना मुहाल है मेरा,

जिसको समझा गया उरूज़ मेरा
दर हकीक़त वो ज़वाल है मेरा,

क्या करूँ गैर से गिले शिकवे
जिस में अटका वो जाल है मेरा,

ये मुहब्बत कभी मुहब्बत थी
जो बचा अब उबाल है मेरा,

गर ये मैं हूँ तो फिर कहाँ तुम हो
कितना सादा ये सवाल है मेरा..!!

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