दिल दे कर संगदिल को…
दिल दे कर संगदिल को ज़िन्दगी दुश्वार नहीं करना यूँ हर किसी से अपने इश्क़ …
दिल दे कर संगदिल को ज़िन्दगी दुश्वार नहीं करना यूँ हर किसी से अपने इश्क़ …
हक़ीक़तों में बदलता सराब चुभने लगा जो बन सका न हक़ीक़त वो ख़्वाब चुभने लगा, …
यहाँ शोर बच्चे मचाते नहीं हैं परिंदे भी अब गीत गाते नहीं हैं, वफ़ा के …
ख़ुद्दार मेरे शहर का फाक़ो से मर गया राशन जो आ रहा था वो अफ़सर …
बिस्तर ए मर्ग पर ज़िंदगी की तलब जैसे ज़ुल्मत में हो रौशनी की तलब, कल …
दिल की इस दौर में क़ीमत नहीं होती शायद सब की क़िस्मत में मुहब्बत नहीं …
सफ़र ए वफ़ा की राह में मंज़िल जफा की थी कागज़ का घर बना के …
भूख़ चेहरों पे लिए चाँद से प्यारे बच्चे बेचते फिरते हैं गलियों में ग़ुबारे बच्चे, …
पहले जो ख़ुद माँ के आंचल में छुप जाया करती थी आज वो ख़ुद किसी …