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Bashir Badr

कभी यूँ भी आ मेरी आँख में…

kabhi yun bhi aa meri aankh

कभी यूँ भी आ मेरी आँख में कि मेरी नज़र को ख़बर न हो मुझे एक रात नवाज़ …

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घर से निकले अगर हम बहक जाएँगे

ghar se agar nikale

घर से निकले अगर हम बहक जाएँगे वो गुलाबी कटोरे छलक जाएँगे, हमने अल्फ़ाज़ को आइना कर दिया …

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उम्र तमाम गुज़र जाती है आशियाँ बनाने में

umr tamam guzar jaati hai aashiyaan

उम्र तमाम गुज़र जाती है आशियाँ बनाने में ज़ालिम तरस नहीं खाते बस्तियाँ जलाने में, और जाम टूटेंगे …

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उदासी का ये पत्थर आँसुओं से नम…

udasi ka ye patthar aansooon se nam nahi hota

उदासी का ये पत्थर आँसुओं से नम नहीं होता हज़ारों जुगनुओं से भी अँधेरा कम नहीं होता, कभी …

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ग़ज़लों का हुनर अपनी आँखों को…

ग़ज़लों का हुनर अपनी

ग़ज़लों का हुनर अपनी आँखों को सिखाएँगे रोएँगे बहुत लेकिन आँसू नहीं आएँगे, कह देना समुंदर से हम …

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वो ग़ज़ल वालों का उस्लूब समझते होंगे…

wo gazalo ka usloob samajhte honge

वो ग़ज़ल वालों का उस्लूब समझते होंगे चाँद कहते हैं किसे ख़ूब समझते होंगे, इतनी मिलती है मेरी …

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जहाँ पेड़ पर चार दाने लगे…

jahan ped par chaar daane lage hazaro taraf se nishane lage

जहाँ पेड़ पर चार दाने लगे हज़ारों तरफ़ से निशाने लगे, हुई शाम यादों के एक गाँव में …

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है अजीब शहर की ज़िंदगी न सफ़र…

है अजीब शहर की

है अजीब शहर की ज़िंदगी न सफ़र रहा न क़याम है कहीं कारोबार सी दोपहर कहीं बदमिज़ाज सी …

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साथ चलते आ रहे हैं पास आ सकते नहीं

साथ चलते आ रहे

साथ चलते आ रहे हैं पास आ सकते नहीं एक नदी के दो किनारों को मिला सकते नहीं, …

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सोयें कहाँ थे आँखों ने तकिए भिगोये थे…

soye kahan the aankh ne takiye bhigoye tha

सोयें कहाँ थे आँखों ने तकिए भिगोये थे हम भी कभी किसी के लिए ख़ूब रोये थे, अँगनाई …

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बता ऐ अब्र मुसावात

बता ऐ अब्र मुसावात क्यूँ नहीं करता

बिछड़ कर उसका दिल

बिछड़ कर उसका दिल लग भी गया तो क्या लगेगा

पराई आग पे रोटी

पराई आग पे रोटी नहीं बनाऊँगा

देखो अभी लहू की

देखो अभी लहू की एक धार चल रही है

बदन और रूह में

बदन और रूह में झगड़ा पड़ा है

हर गली कूचे में

हर गली कूचे में रोने की सदा मेरी है

दिल की बात लबों

दिल की बात लबों पर ला कर…

अगर न रोये तो

अगर न रोये तो आँखों पे बोझ पड़ता है

आइए आसमाँ की ओर

आइए आसमाँ की ओर चलें

ख़िज़ाँ में ओढ़ के

ख़िज़ाँ में ओढ़ के क़ौल ओ…

आँखों पर पलकों का

आँखों पर पलकों का बोझ नहीं होता

रंग पैराहन का ख़ुशबू

रंग पैराहन का ख़ुशबू ज़ुल्फ़ लहराने का नाम

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