उल्फ़त की नज़र से हमें एक बार तो देखो
करते है क्या क्या तुम पे निसार तो देखो,
जज़्बे गर हो सच्चे और दिल में लगन हो
गिर जाती है रस्ते की हर एक दीवार तो देखो,
करूँ कैसे उससे मैं अपने दिल की बात
क्या है मेरी औक़ात, ज़रा मेरे सरकार तो देखो,
देती है वो ज़ख्म ऐसे, जिसका मरहम भी नहीं कोई
शमशीर से भी होती है ज़ुबान तेज़ धार तो देखो,
बात जो भी करो, जिससे भी करो पूरी ही करो
टूट जाए जो एक बार तो फिर होता नहीं ऐतबार तो देखो,
ज़िन्दगी हो जाएगी आसाँ और कभी मोहताज़ न होगी
चादर देख के गर फैलाओगे पाँव हर बार तो देखो,
साथ देगा ख़ुद ख़ुदा भी आपका हर जगह
डट जाओ जब भी दो हक़ की ललकार तो देखो,
भागेगा ये बातिल, छट जाएगा ये अँधेरा भी
यारो ! साथ हक़ का तुम दे कर एक बार तो देखो,
क़ुबूल हो जाएगी ज़िन्दगी की तेरी हर दुआ
दिल से अपने रब को हर वक़्त पुकार कर तो देखो,
चल ज़रा संभल के और उठा देख के अपना हर क़दम
राह ए ज़िन्दगी की होती नहीं हमवार तो देखो,
हारो न कभी हिम्मत और हौसला कभी न छोड़ो
मैदान में तो गिरते है शहसवार तो देखो,
भूल जाओगे दुनियाँ के सब हसीं नजारो को
सब्ज़ ए गुम्बद के ज़रा जा के तुम अनवार तो देखो,
खल्क ए ख़ुदा की ख़िदमत से ही राहत है
खिज़ा में भी हो जाएगी फूलो की महकार तो देखो,
कितने ख़ुश बख्त है वो और रश्क के क़ाबिल
करते है जो हर रोज़ तेरा दीदार तो देखो,
दिल से खेलोगे गर ये खेल तो खेलो
इश्क़ में जीत होती है न हार तो देखो,
फूल ही फूल खिल जाएँगे तेरी राहों में
औरो के रास्ते के हटा के तुम ख़ार तो देखो,
गदा गदा है झुकते है शाह भी वहाँ पर
ऐसा भी है जहाँ में एक दरबार तो देखो,
कैसे मिलेंगी मंज़िले न जाने कब मिले
काफ़िले का अपने ज़रा तुम सरदार तो देखो,
रुख ए यार नज़र आते ही आ जाती है चेहरे पे रौनक
इश्क़ का ऐसा ही है यारो ये बीमार तो देखो,
नफ़रत न करो किसी से मुहब्बत को आम करो
बन जाएगी फिर ये ज़िन्दगी गुलज़ार तो देखो,
ख़ुशी को तो भूल जाते है जो मिलती है ज़िन्दगी में
गम को ही कर लेते है सर पे सवार तो देखो,
शिकवा अपने रब का करते है कि नहीं सुनता दुआएँ
अपना गिरेबाँ झाँको और ज़रा अपने अतवार तो देखो,
लुकमे को तरस रहा है कोई फ़ाके से मर रहा है
कही पे लगे है मगर दौलत के अम्बार तो देखो,
उम्मीद की किरन हो और जो दिल को हौसला दे
ऐसा कोई ज़रिया ज़िन्दगी में अब आसार तो देखो..!!