तू समझता है कि रिश्तों की दुहाई देंगे
हम तो वो हैं तेरे चेहरे से दिखाई देंगे,
हम को महसूस किया जाए है ख़ुश्बू की तरह
हम कोई शोर नहीं हैं जो सुनाई देंगे,
फ़ैसला लिखा हुआ रखा है पहले से ख़िलाफ़
आप क्या ख़ाक अदालत में सफ़ाई देंगे,
पिछली सफ़ में ही सही है तो इसी महफ़िल में
आप देखेंगे तो हम क्यूँ न दिखाई देंगे..!!
~वसीम बरेलवी