झूठी बाते झूठे लोग, सहते रहेंगे सच्चे लोग…
झूठी बाते झूठे लोग, सहते रहेंगे सच्चे लोग हरियाली पर बोलेंगे, सावन के सब अँधे …
झूठी बाते झूठे लोग, सहते रहेंगे सच्चे लोग हरियाली पर बोलेंगे, सावन के सब अँधे …
न मिली छाँव कहीं, यूँ तो कई शज़र मिले वीरान ही मिले सफ़र में जो …
हर रिश्ता यहाँ बस चार दिन की कहानी है अंज़ाम ए वफ़ा का सिला आँखों …
सियाह रात से हम रौशनी बनाते हैं पुरानी बात को अक्सर नई बनाते हैं, कल …
भूख है तो सब्र कर रोटी नहीं तो क्या हुआ ? आजकल दिल्ली में है …
इस नदी की धार से ठंडी हवा आती तो है नाव जर्जर ही सही लहरों …
फ़तह की सुन के ख़बर, प्यार जताने आए रूठे हुए थे हमसे यार रिश्तेदार मनाने …
बसा बसाया शहर अब बंजर लग रहा है चारो ओर उदासियो का मंज़र लग रहा …
बदन पे जिसके शराफ़त का पैरहन देखा वो आदमी भी यहाँ हमने बदचलन देखा, ख़रीदने …