ज़िंदगी दर्द की कहानी है चश्म ए अंजुम में भी तो पानी है…
ज़िंदगी दर्द की कहानी है चश्म ए अंजुम में भी तो पानी है, बेनियाज़ाना सुन लिया ग़म ए
Occassional Poetry
ज़िंदगी दर्द की कहानी है चश्म ए अंजुम में भी तो पानी है, बेनियाज़ाना सुन लिया ग़म ए
अचानक दिलरुबा मौसम का दिल आज़ार हो जाना दुआ आसाँ नहीं रहना सुख़न दुश्वार हो जाना, तुम्हें देखें
अभी कुछ और करिश्मे ग़ज़ल के देखते हैं ‘फ़राज़’ अब ज़रा लहजा बदल के देखते हैं, जुदाइयाँ तो
कभी किसी को मुकम्मल जहाँ नहीं मिलता कहीं ज़मीन कहीं आसमाँ नहीं मिलता, तमाम शहर में ऐसा नहीं
ज़रा सी देर थी बस एक दिया जलाना था और इसके बाद फ़क़त आँधियों को आना था, मैं
कोई नई चोट फिर से खाओ ! उदास लोगो कहा था किसने कि मुस्कुराओ ! उदास लोगो, गुज़र
जो चल सको तो कोई ऐसी चाल चल जाना मुझे गुमाँ भी ना हो और तुम बदल जाना,
अब के रुत बदली तो ख़ुशबू का सफ़र देखेगा कौन ज़ख़्म फूलों की तरह महकेंगे पर देखेगा कौन
इस तरह मोहब्बत में दिल पे हुक्मरानी है दिल नहीं मेरा गोया उनकी राजधानी है, घास के घरौंदे
एक दिन ख़ुद को अपने पास बिठाया हमने पहले यार बनाया फिर समझाया हमने, ख़ुद भी आख़िर कार