मिलने का भी आख़िर कोई इम्कान बनाते
मिलने का भी आख़िर कोई इम्कान बनाते मुश्किल थी अगर कोई तो आसान बनाते, रखते …
मिलने का भी आख़िर कोई इम्कान बनाते मुश्किल थी अगर कोई तो आसान बनाते, रखते …
दिल दे कर संगदिल को ज़िन्दगी दुश्वार नहीं करना यूँ हर किसी से अपने इश्क़ …
मुख़्तसर बात, बात काफी है एक तेरा साथ, साथ काफी है, वो जो गुज़र जाए …
इश्क़ ने बख्शी है हमें ये सौगात मुसलसल तेरा ही ज़िक्र हमेशा तेरी ही बात …
यहाँ शोर बच्चे मचाते नहीं हैं परिंदे भी अब गीत गाते नहीं हैं, वफ़ा के …
मौसम बदल गए ज़माने बदल गए लम्हों में दोस्त बरसों पुराने बदल गए, दिन भर …
दिल की इस दौर में क़ीमत नहीं होती शायद सब की क़िस्मत में मुहब्बत नहीं …
तेरी आँखों ने आँखों का सिसकना भी नहीं देखा मुहब्बत भी नहीं देखी, तड़पना भी …
पिछले बरस तुम साथ थे मेरे और दिसम्बर था महके हुए दिन रात थे मेरे …
आयत ए हिज्र पढ़ी और रिहाई पाई हमने दानिस्ता मुहब्बत में जुदाई पाई, जिस्म ओ …