मौसम बदल गए ज़माने बदल गए
लम्हों में दोस्त बरसों पुराने बदल गए,
दिन भर रहे जो मेरी मुहब्बत की छांव में
वो लोग धूप ढलते ही ठिकाने बदल गए,
कल जिनके लफ़्ज़ लफ़्ज़ में चाहत थी प्यार था
लो आज उन्ही लबों के तराने बदल गए,
एक शख़्स क्या गया मेरा शहर छोड़ कर
जीने के सारे ढंग पुराने बदल गए…!!