वही किस्से है वही बात पुरानी अपनी…
वही किस्से है वही बात पुरानी अपनी कौन सुनता है भला राम कहानी अपनी, सितमगर …
वही किस्से है वही बात पुरानी अपनी कौन सुनता है भला राम कहानी अपनी, सितमगर …
रेत पर लिख के मेरा नाम मिटाया न करो आँख सच बोलती हैं प्यार छुपाया …
उसे कहना बिछड़ने से मुहब्बत तो नहीं मरती बिछड़ जाना मुहब्बत की सदाकत की अलामत …
नहीं डरता मैं काँटो से मगर फूलो से डरता हूँ चुभन दे जाएँ जो दिल …
कभी याद आऊँ तो पूछना ज़रा अपनी फ़ुर्सत ए शाम से किसे इश्क़ था तेरी …
जान मेरी जान कोई और है बात मेरी मान कोई और है, हो गया हूँ …
सुना है इस मुहब्बत में बहुत नुक़सान होता है, महकता झूमता जीवन गमो के नाम …
वो जो दिल में तेरा मुक़ाम है किसी और को वो दिया नहीं, वो जो …
तेरी आँखों के दरीचे से गुज़ारे जाते तो मेरे ख़्वाब यूँ बे मौत न मारे …
बाग़ पा कर ख़फ़क़ानी ये डराता है मुझे साया-ए-शाख़-ए-गुल अफ़ई नज़र आता है मुझे, जौहर-ए-तेग़ …