मेरा दिल बुराई से तू साफ़ कर दे
ऐ देने वाले मुझे माफ़ कर दे,
मेरी तरफ से हुई है खताएँ
ऐबों पर सत्तारी का एक लिहाफ़ कर दे,
तेरी तरफ़ से हुई है अताएँ
नेमतों पर शुक्र का एक गिलाफ़ कर दे,
दुनियाँ भी बनाएँ लोगो को मनाएँ
आखिरत भी मेरी तू एह्दाफ़ कर दे,
ना दुखाएँ नवाब दिल किसी का
ऐसे हमारे तू औसाफ़ कर दे..!!
➤ आप इन्हें भी पढ़ सकते हैं

उम्र कहते है जिसे साँसों की एक जंज़ीर है

अना से तर्क ए अना तक सफ़र किया जाए…

मेंरी सदा है गुल ए शम् ए शाम ए आज़ादी

क़र्ज़ जाँ का उतारने के लिए मैं जीया ख़ुद को मारने के...

दिल किसी का न हुआ एक ख़रीदार के बाद

सोचा कि ख़ुद पे ज़रा सी इनायत कर लूँ..

ये न समझो ये ख्याल है मेरा…

मेरी आँखों को बख़्शे हैं आँसू

इन्सान भूल चुका है इन्सान की क़ीमत…

मौत तो एक दिन आनी ही है


















