अब तो बस ये जान है मौला बाक़ी झूठी शान है मौला…

अब तो बस ये जान है मौला
बाक़ी झूठी शान है मौला,

गम का कोई निशाँ नहीं है
आँसू तो एहसान है मौला,

आख़िर तू ये कब बोलेगा
सबसे बड़ा ईमान है मौला,

बच जाओगे दुनियाँ से तुम
दुनियाँ का दीवान है मौला,

ज़न्नत की क्या मन्नत करना
पास में क़ब्रिस्तान है मौला,

हर सू मेरे ख़ुदा ही बसते
कौन यहाँ इन्सान है मौला,

ये दुनियाँ रंगीन बनी थी
रंगत ही अरमान है मौला,

सबसे सच्ची इस दुनियाँ में
बस बच्चो की मुस्कान है मौला..!!

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