जो रहता है दिल के क़रीब…
जो रहता है दिल के क़रीबअक्सर वही दूर हुआ करता है, जो नहीं हो मयस्सर …
जो रहता है दिल के क़रीबअक्सर वही दूर हुआ करता है, जो नहीं हो मयस्सर …
संभाला होश है जबसेमुक़द्दर सख्त तर निकलाबड़ा है वास्ता जिससेवही ज़ेर ओ ज़बर निकला, सबक़ …
तुम्हे बहार की कलियाँ जवाँ पुकारती हैकहती मरहबा ! सब तितलियाँ पुकारती है, न बोसा …
होश में रह के बे हवास फिर रहे है आजतेरे नगर में हम उदास फिर …
कहे दुनियाँ उसे ऐसे ही बेकार न आयेक़िस्मत का मेरी बन के ख़रीदार न आये, …
रुख से नक़ाब उनके जो हटती चली गईचादर सी एक नूर की बिछती चली गई, …
हर नाला तिरे दर्द से अब और ही कुछ हैहर नग़्मा सर-ए-बज़्म-ए-तरब और ही कुछ …
चर्ख़ से कुछ उमीद थी ही नहींआरज़ू मैं ने कोई की ही नहीं, मज़हबी बहस …
जिन्हें कर सका न क़ुबूल मैंवो शरीक़ राह ए सफ़र हुए, जो मेरी तलब मेरी …