एक वा’दा है किसी का जो वफ़ा होता नहीं…
एक वा’दा है किसी का जो वफ़ा होता नहीं वर्ना इन तारों भरी रातों में …
एक वा’दा है किसी का जो वफ़ा होता नहीं वर्ना इन तारों भरी रातों में …
तेरी तरफ से कोई भी पयाम आया नहीं दुआ तो दूर है अबतक सलाम आया …
गम ए वफ़ा को पस ए पुश्त डालना होगा खटक रहा है जो काँटा निकालना …
गुलाब चाँदनी रातों पे वार आये हम तुम्हारे होंठों का सदका उतार आये हम, वो …
हुई न खत्म तेरी रह गुज़ार क्या करते तेरे हिसार से ख़ुद को फ़रार क्या …
एक लफ़्ज़ ए मोहब्बत का अदना ये फ़साना है सिमटे तो दिल ए आशिक़ फैले …
आँखों का था क़ुसूर न दिल का क़ुसूर था आया जो मेरे सामने मेरा ग़ुरूर …
अल्लाह अगर तौफ़ीक़ न दे इन्सान के बस का काम नहीं फ़ैज़ान ए मोहब्बत आम …
माना कि अब तुम्हारा दिल भर गया होगा हमसे ना सही, प्यार कही और हो …