अज़ब ही मेरे मुल्क की कहानी है…
अज़ब ही मेरे मुल्क की कहानी है यहाँ सस्ता खून पर महँगा पानी है, खिले …
अज़ब ही मेरे मुल्क की कहानी है यहाँ सस्ता खून पर महँगा पानी है, खिले …
वतन की सर ज़मी से इश्क़ ओ उल्फ़त ही नहीं खटकती जो रहे दिल में …
ख़बरें हुकुमत की क़ब्रें आवाम की हमको नहीं है लालच तुम्हारे इनाम की, बोया है …
एक तो ज़ालिम उसपे क़हर आँखे दिखा रहा है अंज़ाम ए बेहया शायद अब नज़दीक …
अब भी कहता हूँ कि तुम्हे घबराना नहीं है घबरा कर कोई गलत क़दम उठाना …
सोचता हूँ लहू तुम्हारा मैं गरमाऊँ किस तरह ? ऐ मेरी कौम तुम्हे आख़िर मैं …
सियासत ने बदला में’यार मुल्क में हुक्मरानी का देश चलने लगा है पा कर इशारे …
एक अरसे से जमीं से लापता है इन्किलाब कोई बतलाये कहाँ गायब हुआ है इन्किलाब, …
तुम जैसे तो लाखो ही थे, है और भी आएँगे मगर हम जैसे तुम्हे बहुत …