दोस्ती में कहाँ कोई उसूल होता है

Bazme_Friendship

सच्ची दोस्ती में कहाँ कोई उसूल होता हैयार गरीब हो या अमीर बेशक़ क़ुबूल होता है गरज़ नहीं

वक़्त काटना उससे पूछो हिज़्र में जिसकी गुज़री है

Bazme_waiting

दर्द ए दिल के कम होने का तन्हा कुछ सामान हुआहम भी अब कुछ दिन जी लेंगे इसका

समंदर और साहिल प्यास की ज़िन्दा अलामत है

ek bhatke hue lashkar ke siwa kuch bhi nahi

तुम्हारा मुन्तज़िर हूँ तो हज़ारों घर बनाता हूँवो रस्ते बनते जाते है कुछ इतने दर बनाता हूँ, जो

ऐसा शज़र ए बख्त सूख ही जाए तो बेहतर है,

सेहरा में साया तलक ना दे सके मुसाफ़िर को ऐसा शज़र ए बख्त सूख ही जाए तो बेहतर

तेरे शहर वाले मेरा मौज़ू ए सुखन जानते है

Image_ghoonghat

तू गज़ल ओढ़ के निकले कि धनक ओट छुपेलोग जिस रूप में देखे तुझे पहचानते है, यार तो

कोई रब से नहीं माँगता

Bazme_life

है आशना भी अज़नबीनफरतो की आड़ में, सब की ज़िन्दगी है रवां दवांख़ुदगर्ज़ियो के मदार में, कोई मंज़िलो

मैं अक्सर भूल जाता हूँ

Bazme_thinking

मैं अक्सर भूल जाता हूँ…. कहाँ ख़ामोश रहना थाकहाँ शिकवा न करना थाकहाँ ज़ुमला न कसना थाकहाँ हरगिज़

समुंदरों के लिए सीपियाँ बनाते थे

Bazme_humanity1

अजीब लोग थे वो तितलियाँ बनाते थेसमुंदरों के लिए सीपियाँ बनाते थे वही बनाते थे लोहे को तोड़

वो जानता ही नहीं है कि मुफ़्लिसी क्या है ?

Bazme_muflisi1

वो जानता ही नहीं है कि मुफ़्लिसी क्या है ?गुज़र रही है जो मुश्किल से ज़िन्दगी क्या है

तू मेरी रूह का हिस्सा है, तू ही जान मेरी

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जब भी सोचा कभी अपना तो हमारा सोचा क्या मिला और हुआ कितना ख़सारा सोचा ?बाद मुद्दत के