सवाल है कि उसको ऐतबार क्यों नहीं रहा ?
सवाल ये नहीं कि वो पुकार क्यों नहीं रहासवाल है कि उसको ऐतबार क्यों नहीं …
सवाल ये नहीं कि वो पुकार क्यों नहीं रहासवाल है कि उसको ऐतबार क्यों नहीं …
हकीक़त है या फ़साना मुहब्बतपतंगे का ख़ुद को जलाना मुहब्बत जो तारीफ़ ए फ़रहाद शिरीन …
ग़ज़ल का हुस्न और गीत का शबाब है वोनशा है जिसमे सुखन का वही शराब …
ऐसा कोई लम्हा होता जिसमे तन्हा होते हमचुपके चुपके करते बातें यूँ न रुसवा होते …
हमें दरियाफ़त करने से हमें तसखीर करने तकबहुत है मरहले बाक़ी, हमें जंज़ीर करने तक, …
गर करो जहाँ में किसी से भी दोस्तीतो फिर ताउम्र उसको धोखा मत देना, खिला …
दुनियाँ के फ़िक्र ओ गम से आज़ाद किया शुक्रियाऐ दोस्त ! तेरा और तेरी दोस्ती …
ऐ दोस्त तूने दोस्ती का हक़ अदा कियाअपनी ख़ुशी लुटा कर मेरा गम घटा दिया, …
कौन कहता है मुहब्बत बस एक कहानी हैमुहब्बत तो सहीफ़ा है, मुहब्बत आसमानी है, मुहब्बत …
हमारे मुल्क में तमाशे अज़ीब हो रहे हैअमीर और अमीर, ग़रीब और ग़रीब हो रहे …