मुबारक़ हो ! अहल ए वतन क्या ख़ूब…

मुबारक़ हो ! अहल ए वतन क्या ख़ूब
इज्ज़त बख्शी है आलमी अखबारों ने
 
सोने की चिड़िया को भी इन लोगो ने
खड़ा कर दिया भूखे नंगो की क़तारो में
 
खुदगर्ज़ी में आईन ए वतन बदल डाले
इन नये ज़म्हुरियत के अलमबरदारो ने
 
सील दिए हर लब जो थे सच बोलने वाले
दौर ए ज़म्हुरियत के ज़दीद पैरोकारो ने..!!
~नवाब ए हिन्द

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