किसी के वायदे पे क्यों ऐतबार हमने किया ?

किसी के वायदे पे क्यों ऐतबार हमने किया ?
न आने वालो का क्यों इंतज़ार हमने किया ?

न वो हमारे हुए और न हम रहे अपने
मुहब्बतों का अज़ब कारोबार हमने किया,

वो खेल खेल रहे थे, वो खेल खेल चुके
खता हमारी थी क्यों उन से प्यार हमने किया ?

बिछड़ के उनसे न जब दिल किसी तरह बहला
शराब खाने का रुख इख़्तियार हमने किया..!!

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