ये भी कोई उसूल था ? तुम क्यों चले गए ?
जब मुझको सब क़ुबूल था, तुम क्यों चले गए ?
कुछ देर पास बैठते, करते ना कोई बात
मैं किस क़दर मलूल था, तुम क्यों चले गए ?
ख़ुद पर मलाल किस लिए ? पछतावा किस लिए ?
क्या मैं तुम्हारी भूल था ? तुम क्यों चले गए ?
खुशियाँ समेटने ही तलक मेरे साथ थे
जब दर्द का नज़ूल था, तुम क्यों चले गए ?
दुनियाँ में सिर्फ एक तुम्हारे सिवा तो कुछ
हासिल था ना वसूल था, तुम क्यों चले गए ?
सच में तुम्हारी ज़ीस्त में कुछ भी नहीं था
यानि बहुत ही फ़िज़ूल था ? तुम क्यों चले गए ??