अभी क्या कहे_____अभी क्या सुने ?
अभी क्या कहेअभी क्या सुने? कि सर ए फसील ए सकूत ए जाँकफ़ ए रोज़ …
अभी क्या कहेअभी क्या सुने? कि सर ए फसील ए सकूत ए जाँकफ़ ए रोज़ …
दोनों जहान तेरी मोहब्बत में हार केवो जा रहा है कोई शब-ए-ग़म गुज़ार के, वीराँ …
ये मिस्रा नहीं है वज़ीफ़ा मिरा हैख़ुदा है मोहब्बत मोहब्बत ख़ुदा है, कहूँ किस तरह …
वो सिवा याद आए भुलाने के बा’दज़िंदगी बढ़ गई ज़हर खाने के बा’द, दिल सुलगता …
दिल मेरा मिस्र का बाज़ार भी हो सकता हैकोई धड़कन का ख़रीदार भी हो सकता …
नख्ल ए ममनूअ के रुख दोबारा गया, मैं तो मारा गयाअर्श से फ़र्श पर क्यूँ …
उस ने सुकूत-ए-शब में भी अपना पयाम रख दियाहिज्र की रात बाम पर माह-ए-तमाम रख …
उस को जुदा हुए भी ज़माना बहुत हुआअब क्या कहें ये क़िस्सा पुराना बहुत हुआ, …
वो दिल ही क्या तेरे मिलने की जो दुआ न करेमैं तुझको भूल के ज़िंदा …