हक़ मेहर कितना होगा बताया नहीं गया

हक़ मेहर कितना होगा बताया नहीं गया
शहज़ादियों को बाम पे लाया नहीं गया,

कमज़ोर सी हदीस सुना दी गई कोई
इंसाफ़ का तराज़ू उठाया नहीं गया,

मैं अपने साथ साथ हूँ वो अपने साथ साथ
हमज़ाद आप हम को बनाया नहीं गया,

प्याले में प्यास और दरीचे में चाँद था
वो सो रहा था मुझ से जगाया नहीं गया,

एक ख़्वाब देखने में ही हम सर्फ़ हो गए
अंगार ज़िंदगी का जलाया नहीं गया,

हर बार छोड़ आती हूँ दरिया में लहर को
चुल्लू में भर के मुझ से उठाया नहीं गया..!!

~फ़रहत ज़ाहिद

Leave a Reply

Eid Special Dresses for women