गरेबाँ दर गरेबाँ नुक्ता आराई भी होती है
गरेबाँ दर गरेबाँ नुक्ता आराई भी होती है बहार आए तो दीवानों की रुस्वाई भी …
गरेबाँ दर गरेबाँ नुक्ता आराई भी होती है बहार आए तो दीवानों की रुस्वाई भी …
शब ए हिज्राँ की तवालत से घबरा गया हूँ मैं उसके अंदाज़ ए मुहब्बत से …
क़मर की वो ख़ुर्शीद तस्वीर है गले में सितारों की ज़ंजीर है, कहाँ पा ए …
सभी कहें मेरे गम ख़्वार के अलावा भी कोई तो बात करो यार के अलावा …
हाल ए दिल पे ही शायर बुनते है गज़ल जो बात दिल की समझते है …
ग़ज़ल की शक्ल में एक बात है सुनाने कीएक उसका नाम है वजह मुस्कुराने की, …