सच ये है कि बेकार का ही हमें गम…
सच ये है कि बेकार का ही हमें गम होता है जैसा हम चाहे दुनियाँ …
सच ये है कि बेकार का ही हमें गम होता है जैसा हम चाहे दुनियाँ …
ख़ुशी जानते हैं न ग़म जानते हैं जो उनकी रज़ा हो वो हम जानते हैं, …
ग़म के हर एक रंग से मुझको शनासा कर गया वो मेरा मोहसिन मुझे पत्थर …
सबब ए चश्म ए तर कैसे बताऊँ तुझे ? ज़ख़्म ए दिल ओ जाँ कैसे …
कर्ब ए फ़ुर्क़त रूह से जाता नहीं हल कोई ग़म का नज़र आता नहीं, काश …
कर्ब ए फ़ुर्क़त रूह से जाता नहीं हल कोई ग़म का नज़र आता नहीं, काश …
ग़मों का सैलाब आया ज़रूर है कुछ खोया तो कुछ पाया ज़रूर है, एक तुम …
सीधे सादे से है कुछ पेंच ओ ख़म नहीं रखते जी भर आता है तो …