इल्ज़ाम फक़त ख्यालात पे क्यों आता है?? हसरत ए दीद ओ वस्ल लिए ख्याल मेरातेरे हुस्न ए ख्वाबीदा से जब टकराता है, ख्वाहिश ए जानाँ … Read More