बेचैन बहुत फिरना घबराए हुए रहना
बेचैन बहुत फिरना घबराए हुए रहना एक आग सी जज़्बों की दहकाए हुए रहना, छलकाए …
बेचैन बहुत फिरना घबराए हुए रहना एक आग सी जज़्बों की दहकाए हुए रहना, छलकाए …
कोई बचने का नहीं सब का पता जानती है किस तरफ़ आग लगाना है हवा …
हम न निकहत हैं न गुल हैं जो महकते जावें आग की तरह जिधर जावें …