किसी ने ज़िस्म, किसी ने ज़मीर बेचा है

Bazme_muflisi1

हरीस दिल ने ज़माना कसीर बेचा हैकिसी ने ज़िस्म, किसी ने ज़मीर बेचा है, नहीं रही बशरियत की

मेरा नहीं तो वो अपना ही कुछ ख्याल करे

Bazme_khyal

मेरा नहीं तो वो अपना ही कुछ ख्याल करेउसे कहो कि ताअल्लुक़ को फिर बहाल करे मिले तो

मुझे ख़बर नहीं कितने ख़सारे रखे गए

ek bhatke hue lashkar ke siwa kuch bhi nahi

मुझे ख़बर नहीं कितने ख़सारे रखे गएमेरे नसीब में सब गम तुम्हारे रखे गए हमारे साथ मुहब्बत में

हाँ, ये ही मुहब्बत है , मुहब्बत एक हकीक़त है…

Bazme_Muhabbat

मैं रूठा था मुहब्बत सेकि मुहब्बत कुछ नहीं होती, मुहब्बत तो फ़क़त दिखवा हैकि मुहब्बत झूठ है लोगो,

मेरी हो के भी तुम मेरी नहीं….

Bazme_Lonely3

मेरी हो के भी तुम मेरी नहींगिला तो नहीं पर ये मलाल है, अगरचे मेरे पास तुम नहीं

जिनकी सूरत पे तुम्हारा सारा शहर मरता है…

Image_ghoonghat

ये जो बात बात में उन हसीन आँखों की बात करते होवो उन आँखों में हमारा अक्स रखते

ताअज्ज़ुब है अँधे आईना दिखा रहे है…

Bazme_ishara

मुझ में है खामियाँ मुज़रिम बता रहे हैताअज्ज़ुब है अँधे आईना दिखा रहे है, ज़ुल्म तो ये है

तू कर ले नज़र अंदाज़ अभी अपने अंदाज़ में

Bazme_waiting

तू कर ले नज़र अंदाज़ अभी अपने अंदाज़ मेंहम हँसते हुए तेरे ज़ुल्म ओ सितम सह जाएँगे, मगर

जब मुझको सब क़ुबूल था, तुम क्यों चले गए ?

ek bhatke hue lashkar ke siwa kuch bhi nahi

ये भी कोई उसूल था ? तुम क्यों चले गए ?जब मुझको सब क़ुबूल था, तुम क्यों चले

हसीन रुत में…उदास क्यों हो ?

Love_Bazme2

हसीन रुत में गुलाब चेहरोंमुझे बताओ उदास क्यों हो ? दिलो पे बीती हुई कहानीमुझे सुनाओ उदास क्यों