जानता कोई नहीं आज असूलो की ज़ुबान…
जानता कोई नहीं आज असूलो की ज़ुबान काश ! आ जाए हमें बोलना फूलों की …
जानता कोई नहीं आज असूलो की ज़ुबान काश ! आ जाए हमें बोलना फूलों की …
बशर तरसते है उम्दा खानों को मौत पड़ती है हुक्मरानो को, ज़ुर्म आज़ाद फिर रहा …
ज़हालत की तारीकियो में गुम अहल ए वतन को वो ले कर तालीम की मशाल …
एक शख्स की खातिर ज़बर कर बैठा हूँ मैं ज़िन्दगी को इधर उधर कर बैठा …
ख़ुदा की कौन सी है राह बेहतर जानता है मज़ा है नेकियों में क्या कलंदर …
ऐ निगाह ए दोस्त ये क्या हो गया क्या कर दिया पहले पहले रौशनी दी …
चलो आओ हम एक वायदा करें दिलो में बस अपने मुहब्बत भरे, वो सब काम …
सुरखाब क्या ख़रीदे असबाब क्या ख़रीदे फ़ितरत फ़कीर जिसकी अलक़ाब क्या ख़रीदे, ले जा इन्हें …
मत पूछो मुसलमान का हाल… मस्ज़िद के लिए सर कटाने को तैयार है लेकिन मस्ज़िद …