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शाम से आज साँस भारी है…

shaam se aaj saans bhari hai

शाम से आज साँस भारी है बे क़रारी सी बे क़रारी है, आपके बाद हर घड़ी हमने आपके …

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ज़हर के घूँट भी हँस हँस के पीये जाते है…

zahar ke ghoont bhi hans hans ke piye jate hai

ज़हर के घूँट भी हँस हँस के पीये जाते है हम बहरहाल सलीक़े से जीये जाते है, एक …

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किसी के वायदे पे क्यों ऐतबार हमने किया ?

kisi ke wayde pe kyo aetbar hamne kiya

किसी के वायदे पे क्यों ऐतबार हमने किया ? न आने वालो का क्यों इंतज़ार हमने किया ? …

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रोग ऐसे भी गम ए यार से लग जाते है…

rog aise bhi gam e yaar se lag jate hai

रोग ऐसे भी गम ए यार से लग जाते है दर से उठते है तो दीवार से लग …

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दोनों जहान तेरी मोहब्बत में हार के…

wo ja raha hai koi shab e gam guzar ke

दोनों जहान तेरी मोहब्बत में हार के वो जा रहा है कोई शब ए ग़म गुज़ार के, वीराँ …

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किस्से मेरी उल्फ़त के जो मर्क़ूम है सारे…

qisse meri ulfat ke marqoom hai saare

किस्से मेरी उल्फ़त के जो मर्क़ूम है सारे आ देख तेरे नाम से मौसम है सारे, बस इस …

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ये इश्क़ पे सब दुनियाँ वाले बेकार की बातें करते है…

ye ishq me sab duniya wale

ये इश्क़ पे सब दुनियाँ वाले बेकार की बातें करते है पायल के ग़मों का इल्म नहीं झंकार …

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कोई नहीं आता समझाने अब आराम से हैं दीवाने…

koi nahi aata samjhaane ab deewane

कोई नहीं आता समझाने अब आराम से हैं दीवाने, तय न हुए दिल के वीराने थक कर बैठ …

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कितना बेकार तमन्ना का सफ़र होता है…

kitna bekar tamanna ka safar hota hai

कितना बेकार तमन्ना का सफ़र होता है कल की उम्मीद पे हर आज बसर होता है, यूँ मैं …

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इंशा जी उठा अब कूच करो, इस शहर में जी का लगाना क्या…

insha jee utha ab kooch karo

इंशा जी उठा अब कूच करो, इस शहर में जी का लगाना क्या वहशी को सुकूं से क्या …

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Yusuf na the magar

युसुफ़ न थे मगर सर ए बाज़ार आ गए

एक सूरज था कि

एक सूरज था कि तारों के घराने से उठा

जुस्तुजू खोए हुओं की

जुस्तुजू खोए हुओं की उम्र भर करते रहे

वो जो दिल में तेरा मुक़ाम है

वो जो दिल में तेरा मुक़ाम है

दिल की दुनिया में

दिल की दुनिया में दुनिया न आये कभी

लिबास तन से उतार

लिबास तन से उतार देना, किसी को बांहों के हार देना

मुक़म्मल दो ही दानों

मुक़म्मल दो ही दानों पर ये तस्बीह ए मुहब्बत है

तुझे पुकारा है बे

तुझे पुकारा है बे इरादा

फिर हरीफ़ ए बहार

फिर हरीफ़ ए बहार हो बैठे

हर सम्त परेशाँ तिरी

हर सम्त परेशाँ तिरी आमद के क़रीने

सोच बदल जाती है

सोच बदल जाती है,हालात बदल जाते हैं

उजड़े हुए हड़प्पा के

उजड़े हुए हड़प्पा के आसार की तरह

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Yusuf na the magar

युसुफ़ न थे मगर सर ए बाज़ार आ गए

एक सूरज था कि

एक सूरज था कि तारों के घराने से उठा

जुस्तुजू खोए हुओं की

जुस्तुजू खोए हुओं की उम्र भर करते रहे