दूसरा फ़ैसला नहीं होता

दूसरा फ़ैसला नहीं होता
इश्क़ में मशवरा नहीं होता,

ख़ुद ही सौ रास्ते निकलते हैं
जब कोई रास्ता नहीं होता,

जब तलक रूबरू न हो कोई
आइना आइना नहीं होता,

अपना समझा तो कह दिया वर्ना
ग़ैर से तो गिला नहीं होता,

कुछ न कुछ पहले खोना पड़ता है
मुफ़्त में तजरबा नहीं होता..!!

~नवाज़ देवबंदी

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