चलो तुम को मिलाता हूँ मैं उस मेहमान से पहले
जो मेरे जिस्म में रहता था मेरी जान से पहले,
मुझे जी भर के अपनी मौत को तो देख लेने दो
निकल जाए न मेरी जान, मेरे अरमान से पहले,
कोई ख़ामोश हो जाए तो उसकी ख़ामोशी से डर
समन्दर चुप ही रहता है, किसी तूफ़ान से पहले,
मेरी आँखों में आबी मोतियों का सिलसिला देखो
ये माला रोज़ जपता हूँ मैं, एक मुस्कान से पहले,
पुराना यार हूँ तेरा तो मेरा ये फ़र्ज़ बनता है
तुझे होशियार कर दूँ मैं तेरे नुक़सान से पहले..!!