तेरे लिए सब छोड़ के भी तेरा न रहा मैं…

तेरे लिए सब छोड़ के भी तेरा न रहा मैं
दुनियाँ भी गई इश्क़ में, तुझसे भी गया मैं,

एक सोच में गुम हूँ, तेरी दीवार से लग कर
मंज़िल पे पहुँच कर भी, ठिकाने न लगा मैं,

इस दर्ज़ा मुझे खोखला कर रखा था गम ने
लगता था गया अब के, गया अब के गया मैं,

एक धोखे में दुनियाँ ने मेरी राय तलब की
कहते थे कि पत्थर हूँ, मगर बोल पड़ा मैं..!!

Leave a Reply

Eid Special Dresses for women