वो एक लम्हा मुहब्बत भरा तेरे साथ
ज़िन्दगी भर की ख़ुशियों पर भारी है,
हम ही नहीं दिल भी आजतक तेरा है
इस पर आज भी तेरी ही दावेदारी है,
इश्क़ ज़िन्दगी जीने का सलीक़ा है
बेवकूफ़ है जो कहते है इश्क़ बीमारी है,
क़िस्मत वालो को इश्क़ आज़माता है
हमें इश्क़ आज़माएँ ये आरज़ू हमारी है,
इश्क़ ही है जो खुले आसमान सा है
बाक़ी तो जहाँ में बंधन है, चारदीवारी है,
ये कशमकश, ये तड़प यही तो इश्क है
वरना मज़ा ही क्या जिसमे ना बेक़रारी है..!!