तल्ख़ हालात में जीने का सबब होते हैं
ख़त जो छुप छुप के लिखे जाएँ अजब होते हैं,
कोई एहसास की गहराई से महसूस करे
एक न एक ज़ख़्म लिए रूह में सब होते हैं,
इन अँधेरों से न ख़ाइफ़ हो कि कुछ वक़्त के बाद
ये अंधेरे ही उजाले का सबब होते हैं,
आओ कोशिश तो करें गुत्थियाँ सुलझाने की
मसअले कैसे भी हों ग़ौर तलब होते हैं,
बस यही सोच के देता हूँ तसल्ली दिल को
इख़्तिलाफ़ात भी रिश्तों के सबब होते हैं..!!
~शकील जमाली