मैं सुबह बेचता हूँ, मैं शाम बेचता हूँ
मैं सुबह बेचता हूँ, मैं शाम बेचता हूँ नहीं मैं महज़ अपना काम बेचता हूँ, …
मैं सुबह बेचता हूँ, मैं शाम बेचता हूँ नहीं मैं महज़ अपना काम बेचता हूँ, …
शोर करूँगा और न कुछ भी बोलूँगा ख़ामोशी से अपना रोना रो लूँगा, सारी उम्र …
सीधे सादे से है कुछ पेंच ओ ख़म नहीं रखते जी भर आता है तो …
क़ुबूल है अब तो ज़िन्दगी का हर तोहफ़ा मैंने ख्वाहिशो का नाम बताना छोड़ दिया, …
ये एक बात समझने में रात हो गई है मैं उससे जीत गया हूँ कि …
जिस से मिल बैठे लगी वो शक्ल पहचानी हुई आज तक हमसे यही बस एक …
मैंने दुनियाँ से, मुझसे दुनियाँ ने सैकड़ो बार बेवफ़ाई की, आसमां चूमता है मेरे क़दम …
किस तवक़्क़ो’ पे क्या उठा रखिए ? दिल सलामत नहीं तो क्या रखिए ? लिखिए …
जो होने वाला है वो हादसा दिखाई तो दे कोई चराग जलाओ हवा दिखाई तो …