अज़ब ही मेरे मुल्क की कहानी है…
अज़ब ही मेरे मुल्क की कहानी है यहाँ सस्ता खून पर महँगा पानी है, खिले …
अज़ब ही मेरे मुल्क की कहानी है यहाँ सस्ता खून पर महँगा पानी है, खिले …
आवाम भूख से देखो निढाल है कि नहीं ? हर एक चेहरे से ज़ाहिर मलाल …
बस एक ही हल इसका हमारे पास है लोगो जो हुक्मराँ बिक जाए वो बकवास …
सियासत ने बदला में’यार मुल्क में हुक्मरानी का देश चलने लगा है पा कर इशारे …
चेहरे का ये निखार मुक़म्मल तो कीजिए ये रूप ये सिंगार मुक़म्मल तो कीजिए, रहने …
फ़लक पे चाँद के हाले भी सोग करते हैं जो तू नहीं तो उजाले भी …
बेलौस हँसी दिखाना, दिल से निभाना हर रिश्ता यहाँ मुस्कान पर अपने पराये सभी का …
एक अरसे से जमीं से लापता है इन्किलाब कोई बतलाये कहाँ गायब हुआ है इन्किलाब, …
बशर तरसते है उम्दा खानों को मौत पड़ती है हुक्मरानो को, ज़ुर्म आज़ाद फिर रहा …
वाह ! रे सियासत ए हिंदुस्तानतुझे दाँव पेच का खेल क्या कमाल आता है, यूँ …