हालात थे ख़राब या मैं ख़राब था…
हालात थे ख़राब या मैं ख़राब था मेरे सवाल में शामिल जवाब था, ख़ुशी मेरी …
हालात थे ख़राब या मैं ख़राब था मेरे सवाल में शामिल जवाब था, ख़ुशी मेरी …
झूठ का बोलना आसान नहीं होता है ये दिल तेरे बाद परेशान नहीं होता है, …
क़िताब ए ज़ीस्त में ज़हमत के बाब इतने है ज़रा सी उम्र मिली है अज़ाब …
टूट कर बिखरे हुए इन्सान कहाँ जाएँगे ? दूर तक सन्नाटा है नादान कहाँ जाएँगे …
किसे ख़बर थी हवा राह साफ़ करते हुए मेरा तवाफ़ करेगी तवाफ़ करते हुए, मैं …
एक भटके हुए लश्कर के सिवा कुछ भी नहीं ज़िन्दगानी मेरी ठोकर के सिवा कुछ …
ये क़र्ज़ तो मेरा है चुकाएगा कोई और दुख मुझ को है और नीर बहाएगा …
लोग कैसे है यहाँ के ? ये नगर कैसा है ? उनकी जादू भरी बातों …
ज़हर के घूँट भी हँस हँस के पीये जाते है हम बहरहाल सलीक़े से जीये …
थी जिसकी जुस्तज़ू वो हकीक़त नहीं मिली इन बस्तियों में हमको रफ़ाक़त नहीं मिली, अबतक …