झूठी हँसी तेरा मुस्कुराना झूठा…

झूठी हँसी तेरा मुस्कुराना

झूठी हँसी तेरा मुस्कुराना झूठा यार तेरा तो हर एक बहाना झूठा, कैसे ऐतबार करूँ फिर से तुझ

ज़िंदगी तुझ को भुलाया है बहुत दिन हमने…

zindagi tujhko bhulaya hai bahut din hamne

ज़िंदगी तुझ को भुलाया है बहुत दिन हमने वक़्त ख़्वाबों में गँवाया है बहुत दिन हमने, अब ये

अगर सफ़र में मेरे साथ मेरा यार चले…

agar safar me mere saath mera yaar chale

अगर सफ़र में मेरे साथ मेरा यार चले तवाफ़ करता हुआ मौसम ए बहार चले, लगा के वक़्त

ले गया दिल में दबा कर राज़ कोई…

le gaya dil me daba kar raaz koi

ले गया दिल में दबा कर राज़ कोई पानियों पे लिख गया आवाज़ कोई, बाँध कर मेरे परो

सता लें हमको दिलचस्पी जो है उनकी सताने में…

sata le hamko jo dilchaspi hai unhe hamko satane me

सता लें हमको दिलचस्पी जो है उनकी सताने में हमारा क्या वो हो जाएँगे रुस्वा ख़ुद ज़माने में,

अश्क ओ खूं घुलते है तब दीदा ए तर बनती है…

ashk o khoo ghulte hai tab deeda e tar banti hai

अश्क ओ खूं घुलते है तब दीदा ए तर बनती है दास्ताँ इश्क़ में मरने से अमर बनती

सभी कहें मेरे गम ख़्वार के अलावा भी…

koi to baat karo yaar ke alawa bhi

सभी कहें मेरे गम ख़्वार के अलावा भी कोई तो बात करो यार के अलावा भी, बहुत से

हर मुलाक़ात में लगते हैं वो बेगाने से…

har mulaqat me lagte hai wo begane se

हर मुलाक़ात में लगते हैं वो बेगाने से फ़ाएदा क्या है भला ऐसों के याराने से, कुछ जो

उनसे मिलिए जो यहाँ फेर बदल वाले हैं…

unse miliye jo fer badal wale hai

उनसे मिलिए जो यहाँ फेर बदल वाले हैं हमसे मत बोलिए हम लोग ग़ज़ल वाले हैं, कैसे शफ़्फ़ाफ़

तू ग़ज़ल बन के उतर बात मुकम्मल हो जाए…

tu gazal ban ke utar baat muqammal ho jaaye

तू ग़ज़ल बन के उतर बात मुकम्मल हो जाए मुंतज़िर दिल की मुनाजात मुकम्मल हो जाए, उम्र भर