ठोकरें खा के सँभलना नहीं आता है मुझे…

thokare khaa ke sambhlna nahi

ठोकरें खा के सँभलना नहीं आता है मुझे चल मेरे साथ कि चलना नहीं आता है मुझे, अपनी

तू मुझ को जो इस शहर में लाया नहीं होता…

tu mujhko jo is shahar me laya nahi hota

तू मुझ को जो इस शहर में लाया नहीं होता मैं बे सर ओ सामाँ कभी रुस्वा नहीं

तुम कुछ भी करो होश में आने के नहीं हम…

tum kuch bhi karo hosh me aane ke nahi ham

तुम कुछ भी करो होश में आने के नहीं हम हैं इश्क़ घराने के ज़माने के नहीं हम,

तुम्हें उससे मोहब्बत है तो हिम्मत क्यूँ नहीं करते…

tumhe usse mohabbat hai to himmat kyun nahi

तुम्हें उससे मोहब्बत है तो हिम्मत क्यूँ नहीं करते किसी दिन उसके दर पे रक़्स ए वहशत क्यूँ

राह ए इश्क़ के हर मोड़ पे परेशानियाँ होंगी…

wo is andaz ki mujhse mohabbat chahta hai

राह ए इश्क़ के हर मोड़ पे परेशानियाँ होंगी बहारे ना सही मगर सदा ही वीरानियाँ होंगी, कहीं

पास आओ एक इल्तज़ा सुन लो…

nazar se guftagoo khamosh lab tumhari tarah

पास आओ एक इल्तज़ा सुन लो प्यार है तुमसे बेपनाह सुन लो, एक तुम्ही को ख़ुदा से माँगा

मुहब्बत जो हकीकी हो तो क़िस्मत ही सँवर जाती…

ye ishq me sab duniya wale

मुहब्बत जो हकीकी हो तो क़िस्मत ही सँवर जाती मुहब्बत जो मिजाज़ी हो तो उलझन औद कर आती,

कोई अज़्म ओ इरादा नहीं चाहिए..

Bazmeshayari_512X512

कोई अज़्म-ओ-इरादा, नहीं चाहिएआपसे कोई वादा, नहीं चाहिए, आपकी रुह में, इश्क़ बनकर रहूँइससे कुछ भी ज़ियादा, नहीं

तू कभी आ देख कभी साथ तों चल…

tu kabhi aa dekh kabhi saath

तू कभी आ देख कभी साथ तों चलमेरे तसव्वुर की दुनियाँ बहुत हसीन है, यहाँ हवा जो चलती

काम इस दिल की तबाही से लिया क्या जाए…

kaam is dil ki tabahi se kya liya jaaye

काम इस दिल की तबाही से लिया क्या जाए सोचता हूँ कि ख़राबे में किया क्या जाए ?