ज़िंदगी तुझ को भुलाया है बहुत दिन हमने…
ज़िंदगी तुझ को भुलाया है बहुत दिन हमने वक़्त ख़्वाबों में गँवाया है बहुत दिन …
ज़िंदगी तुझ को भुलाया है बहुत दिन हमने वक़्त ख़्वाबों में गँवाया है बहुत दिन …
अगर सफ़र में मेरे साथ मेरा यार चले तवाफ़ करता हुआ मौसम ए बहार चले, …
बूढ़ा टपरा, टूटा छप्पर और उस पर बरसातें सच उसने कैसे काटी होंगी, लंबी लंबी …
समझ रहे थे कि अपनी सुधर गई दुनियाँ हमें तो मुफ़्त में बदनाम कर गई …
अश्क ओ खूं घुलते है तब दीदा ए तर बनती है दास्ताँ इश्क़ में मरने …
सभी कहें मेरे गम ख़्वार के अलावा भी कोई तो बात करो यार के अलावा …
हर मुलाक़ात में लगते हैं वो बेगाने से फ़ाएदा क्या है भला ऐसों के याराने …
उनसे मिलिए जो यहाँ फेर बदल वाले हैं हमसे मत बोलिए हम लोग ग़ज़ल वाले …
चराग़ अपनी थकन की कोई सफ़ाई न दे वो तीरगी है कि अब ख़्वाब तक …
जिस्म का बोझ उठाए हुए चलते रहिए धूप में बर्फ़ की मानिंद पिघलते रहिए, ये …