दरख्तों से गिरे सूखे हुए पत्ते भी ये इक़रार करते हैं
दरख्तों से गिरे सूखे हुए पत्ते भी ये इक़रार करते हैं जिन्हें कल तक मुहब्बत …
दरख्तों से गिरे सूखे हुए पत्ते भी ये इक़रार करते हैं जिन्हें कल तक मुहब्बत …
आसमान से इनायतें न तुझे मिलीं न मुझे मिलीं मुहब्बतों से राहतें न तुझे मिलीं …
बताओ कौन कहता है ? मुहब्बत बस कहानी है मुहब्बत तो सहीफ़ा है, मुहब्बत आसमानी …
हर दिन है मुहब्बत का, हर रात मुहब्बत की हम अहल ए मुहब्बत में, हर …
दिल ए नादान की बात थी और कुछ नहीं मुहब्बत स्याह रात थी और कुछ …
वो दर्द वो वफ़ा वो मुहब्बत तमाम शुद लिए दिल में तेरे क़ुर्ब की हसरत …
जब भी तुम चाहों मुझे ज़ख्म नया देते रहो बाद में फिर मुझे सहने की …
दिल ए बेताब की मुझको हिमायत अब नहीं करनी मुझे आज़ाद रहना हैं मुहब्बत अब …
ज़िन्दगानी के काम एक तरफ़ अक़द का इंतज़ाम एक तरफ़, हां मुहब्बत का नाम एक …