सवालो के बदले लहज़े ऐसे…

सवालो के बदले लहज़े ऐसे
कि हमें जानते ही न हो जैसे,

मिजाज़ मौसम भी न बदले
वो आजकल बदल गए ऐसे,

न वो ख़ुलूस रहा न मुरौवत
न वो हमदर्द रहे पहले जैसे,

ख्याल ए यार था जो पहले
यकायक बदल गया है ऐसे,

रकीब तो खैर गैर थे नवाब
दोस्त भी तो ना रहे दोस्तों जैसे..!!

~नवाब ए हिन्द

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